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Bipasha Basu की बेटी के जन्म से दिल में थे 2 छेद, दर्द बताते हुए कैमरे पर रो पड़ी एक्ट्रेस

Bipasha Basu News: बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवर ने पिछले साल नवंबर में अपनी बच्ची देवी का स्वागत किया। उस वक्त से वे अपनी पालन-पोषण की फोटो शेयर करते रहे हैं। कपल ने अपनी बेटी का नाम देवी बसु सिंह ग्रोवर रखा हुआ है। हाल ही में बिपाशा ने अपनी बेटी की सेहत को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है।

बिपाशा बसु अपनी बेटी के लिए काफी प्रोटेक्टिव हैं
इंस्टाग्राम लाइव पर नेहा धूपिया के साथ बातचीत में एक्ट्रेस ने शेयर किया कि देवी के दिल में दो छेद थे। बिपाशा यह बताते हुए भावुक हो गईं कि जब वह तीन महीने की थीं तो उनके नन्हे बच्चे की ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी। 43 साल की उम्र में मां बनी बिपाशा बसु अपनी बेटी के लिए काफी प्रोटेक्टिव हैं।

वो और उनके पति करण सिंह ग्रोवर अपनी बेटी पर जान छिड़कते हैं। लेकिन जब बिपाशा और करण की नवजात बेटी वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट से पीड़ित थी। यानी नवजात देवी के दिल में दो छेद थे। जिसके बाद वो जब लगभग 3 महीने की हुई तब उसकी सर्जरी की गई। बिपाशा ने नेहा को कहानी बताते हुए भावुक हो गईं।

‘मैं नहीं चाहूंगी कि किसी मां के साथ ऐसा हो’
बिपाशा बसु ने बताया,”'हमारी जर्नी किसी भी सामान्य मां-बाप से बहुत अलग रही है, ये उस मुस्कान से कहीं अधिक मुश्किल है जो अभी मेरे चेहरे पर है। मैं नहीं चाहूंगी कि किसी मां के साथ ऐसा हो। एक नई मां के लिए, जब आपको ये पता चलता है, तो सबसे मुश्किल है।”

बेटी की कहानी शेयर नहीं करना चाहती थीं एक्ट्रेस
एक्ट्रेस ने कहा, “मुझे मेरे बच्चे के जन्म के तीसरे दिन ही पता चला कि हमारी बेटी के दिल में दो छेद हैं। मैंने सोचा था कि मैं इसे शेयर नहीं करूंगी, लेकिन मैं इसे शेयर कर रही हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि बहुत सारी मां हैं, जिन्होंने इसमें मेरी मदद की है और उन माताओं को ढूंढना बहुत मुश्किल था।”

बिपाशा ने आगे बताया, “हमें ये भी समझ नहीं आया कि वीएसडी क्या है। ये वेंट्रिकुलर सेप्टल है। हम एक पागलपन भरे दौर से गुजरे हमने अपने परिवार से इस बारे में बात नहीं की, हम दोनों थोड़ा डरे हुए थे। मैं और करण सुन्न पड़ गए थे। पहले पांच महीने हमारे लिए बहुत कठिन रहे, लेकिन देवी पहले दिन से ही शानदार रही है।”

एक्ट्रेस ने कहा, “हमें बताया गया कि हर महीने हमें ये जानने के लिए स्कैन कराना होगा कि ये अपने आप ठीक हो रहा है या नहीं, लेकिन जिस तरह का बड़ा छेद था, हमें बताया गया कि ये खतरनाक है, आपको सर्जरी करानी होगी और सर्जरी तब करना सबसे अच्छा होता है, जब बच्चा तीन महीने का हो जाए।”

करण नहीं कराना चाहते थे बेटी की सर्जरी
बिपाशा ने कहा, “आप इतना दुखी, इतना बोझिल महसूस करते हैं, क्योंकि आप एक बच्चे को ओपन हार्ट सर्जरी में कैसे डाल सकते हैं? हम सोच रहे थे ये अपने आप ठीक हो जाएगा। पहले महीने में, ऐसा नहीं हुआ, दूसरे महीने में नहीं हुआ और मुझे तीसरा महीना याद है।”

बेटी के ऑपरेशन के समय रुक गई थी बिपाशा की जिंदगी
बिपाशा ने बताया, जब हम स्कैन के लिए गए, सर्जनों से मिले, अस्पतालों में गए। डॉक्टरों से बात की और मैं तैयार थी, करण तैयार नहीं था। मुझे पता था कि उसे ठीक होना होगा और मुझे पता था कि वो ठीक हो जाएगी। वो अब ठीक है, लेकिन मुश्किल ये था कि अपने बच्चे का ऑपरेशन सही जगह और सही समय पर कैसे कराएं। जब देवी तीन महीने की थीं और ऑपरेशन छह घंटे तक चला। लेकिन जब देवी ऑपरेशन थिएटर के अंदर थीं तो जिंदगी रुक गई थी और सर्जरी सफल होने पर उन्हें राहत मिली।”


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