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बरश म गजर बच रह परगनट लडक क दख अमतभ बचचन क आय रहम 500 क जगह द दए 5 हजर रपए फर सनई आपबत

Amitabh Bachchan: सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले अमिताभ बच्चन की दरियादिली लोगों ने उस समय देखी जब मुंबई की सड़कों पर बारिश के दौरान गजरा बेचने वाली एक लड़की ने उनसे गजरा खरीदने की गुजारिश की। लड़की की मासूमियत और मजबूरी को देखते उससे 500 का गजरा खरीदने की बजाए 5000 रुपए में पूरा बंडल ही खरीद लिया। इतना ही नहीं बिग बी ने बाद में गजरा की पूरी टोकरी भी बच्ची को वापस करते हुए अपना आशीर्वाद दिया।

अमिताभ बच्चन की दरियादिली
अमिताभ बच्चन ने इस पूरे वाकये का जिक्र रविवार को अपने ब्लॉग में किया, उन्होंने बताया कि कैसे बारिश के बीच ट्रैफिक सिग्नल पर एक यंग लड़की उनके पास गजरा बेचने आई. अमिताभ बच्चन ने आगे लिखा- उस बच्ची के हाथ मेरे कार के शीशे तक भी नहीं आ पा रहे थे। उसकी आंखों में देखने पर लग रहा था कि जैसे उसके ऊपर अपने बड़ों का पेट भरने की जिम्मेदारी है। उसने गजरा दिखाने के लिए अपने हाथ ऊपर किया। उसने कुछ नहीं बोला। बस वहीं पर खड़ी रही।

गार्ड्स होते तो उसे भगा दिया होता’
अमिताभ ने आगे लिखा, ‘एक ऐसा काम जो प्रोटोकॉल मुझे इसकी इजाजत नहीं देता.. मैंने कार का शीशा डाउन किया। हालांकि सिक्योरिटी ने मुझे ऐसा करने से मना किया, लेकिन उस दिन मैंने उन्हें रोक लिया। मैंने बच्ची से कहा कि तुम्हें क्या चाहिए। उसने मुझे फिर से गजरे का गुच्छा दिखाया। मैंने उससे ये खरीदने की इच्छा जताई, दाम भी पूछ लिया। बच्ची ने पूरे गुच्छे में से एक गजरा निकाला।

अमिताभ ने पूरा गुच्छा खरीदने का ऑफर दिया
बिग बी आगे लिखते हैं- मैंने उस बच्ची के सामने पूरा गुच्छा खरीदने का ऑफर रखा। उस बच्ची ने मुझे हैरानी भरे नजरों से देखा। उसे लगा कि मैं मजाक कर रहा हूं। हो सकता है कि उसे किसी ने पहली बार ऐसा कहा हो। उसने कुछ देर सोचा। उसके आगे उसने जो बोला वो मैं कभी जिंदगी में नहीं भूल पाऊंगा।

बच्ची ने दबी और सहमी आवाज में कहा...500 रुपए। ये सुनते ही मेरी आंखें थोड़ी गीली हो गईं। मैंने तुरंत नोटों की एक गड्डी निकाली और उसकी तरफ कर दिया।

अमिताभ बच्चन ने ब्लॉग के आखिरी हिस्से में लिखा- मुझे पता नहीं था कि वो पैसे कितने थे। शायद चार से पांच हजार रुपए तो होंगे ही। मैंने उससे सब खरीद लिया। मैं इसके बाद उसके चेहरे का एक्सप्रेशन नहीं देख सका, क्योंकि तब तक ट्रैफिक खुल गई थी। हालांकि उसके चेहरे का हाव-भाव मैं भूल नहीं सका।

उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी नजर आ रही थी। ऐसी खुशी शायद इससे पहले उसे कभी नहीं मिली थी, और न ही मिलेगी। उसके चेहरे से 500 रुपए शायद ही सुनने को मिले।

बिग बी यहां ये समझाना चाह रहे हैं कि इस दुनिया में कम ही लोग होते हैं जो एक बार में किसी वेंडर्स से उसका पूरा सामान खरीद लें। लोग अपनी जरूरत के हिसाब से एक या दो खरीदते हैं।


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